"तो कौन सा गाँव बताया आपने?" पूरी कोशिश करने के बाद भी जब महाशय मेरी जात का पता नहीं कर पाए, तो अंतिम प्रयासों में उन्होंने गाँव, देहात से अंदाजा लगाने चाहा. सुधाजी के रेलप्रसंग को पढने पर मुझे ये पुरानी घटना याद आई, उनके ही सुझाव पर आलसी होने के बावजूद मैंने इसे शब्दों में गुथने की कोशिश की. वाराणसी रेलवे स्टेशन ये बात कोई आठ-एक साल पुरानी होगी, मैं तब B.Sc. कर रहा था, और उस बनारस से पटना की रेल यात्रा पर था. बनारस से वस्तुतः कोई सीधी और अच्छे समय की ट्रेन नहीं है पटना के लिए, तो ज्यादातर जनता भारत के सबसे बड़े रेलवे जंक्सन, मुगलसराय, से ट्रेन पकड़ना पसंद करते हैं. जगह की किल्लत और संभवतः engineering की कोई महान रचना करने के लिए, कुछ भारतीय रेलवे स्टेशन अजीबोगरीब रूप में गधे हुए हैं, वास्तु भी एक कारण हो सकता है. मुगलसराय, अल्लाहाबाद और खरगपुर कुछ ऐसे ही स्टेशन हैं जहाँ अगर लोकल जनता ने मदद नही की तो आप ट्रेन पकड़ चु...
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